मेरा नाम मोना है उम्र 25 हाइट 5’4″ साइज 34-28-36 है, मेरा रंग गोरा है और दिखने में बहुत सुन्दर हूँ, मैं हमेशा ट्रेंडी और अट्ट्रक्टिव रहती हूँ मेरे पति नितिन सचदेव 29 साल के मुझसे 4 साल बड़े हैं, मेरे जितनी हाइट है और दिखने में गोरे और हैंडसम हैं, एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते है , हमारी शादी को 2 साल हुए हैं। हमने अपना बंगलो पेंट करने का फैसला लिया और हमारे 4bhk बंगलो को रंगने का काम एक पेंटर को दिया, वो पेंटर कॉन्ट्रैक्ट लेता था और जरूरत के अनुसार दो तीन पेंटर भेज देता था, उसके और जगह पे भी काम चालू थे. सबसे पहले वो पेंटर घर देखने और रेट फिक्स करने आया तभी मुझे उसकी नज़र ठीक नहीं लगी, वो सुबह सुबह घर पर आया तब मैंने 3 पीस लाल रंग की नाईटी पहनी हुई थी, मेरे पति नाशता कर रहे थे तो मैंने दरवाजा खोला तो सामने 6 फुट का एक गोरा सा मस्क्युलर आदमी खड़ा था, उसकी नजर मेरे स्तनों पर टिकी थी. उसने मुझे मुस्कुरा कर ‘हेल्लो’ बोला पर मेरे स्तनों से नजर नहीं हटाई. ‘हेल्लो’ मैंने सोचते हुए जवाब दिया. मैं अहमद पेंटर… वो मेरे सारे बदन को देखते हुए बोला. ‘आओ अंदर आओ!’ मैं दरवाजे से बाजु होकर बोली और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. ‘बैठो…’ मैं सोफे की तरफ इशारा करके किचन की तरफ जाने लगी तो वो मेरे गोल नितम्बों की तरफ देखने लगा.
सुनते हो… पेंटर आया है!’ मैंने अपने पति से कहा. मेरे पति बाहर आये, नार्मल बातचीत हुई फिर पेंटर घर देखने लगा, ग्राउंड फ्लोर पे दो बैडरूम किचन और हॉल था और ऊपर के फ्लोर पर दो बैडरूम थे, हमारा मास्टर बैडरूम ऊपर के फ्लोर पर था और सास-ससुर अगर गांव से आये तो उनके लिए नीचे का बैडरूम था. मेजरमेंट टेप लेकर मैं, नितिन और पेंटर हर रूम में जाने लगे. ऊपर के फ्लोर पे जाने के बाद पहले दूसरा बैडरूम देखा, फिर हमारे बैडरूम में जाने लगे। तभी मेरे पति का मोबाइल किचन में बजने लगा, उसको लेने के लिए वो नीचे चले गए. ‘बिज़नस डील होगी तो फोन पे कितना टाइम लगेगा, उसका भरोसा नहीं, मैं दिखाती हूँ बैडरूम!’ मैंने पीछे से उसे कहा तो वो पीछे देखने लगा और एक फुट के दूरी से आँखों से मेरा नाप लेने लगा. इतनी देर पति साथ में थे तो उसने मुझ पे जरा भी ध्यान नहीं दिया था। ‘चलेगा मेम साब…’ बोल कर उसने मुझे दरवाजा खोलने के लिए जगह दी, मैं दरवाजा खोलने के लिए आगे गई तो मेरे हाथ को उसका टच हुआ, वो टच गलती से हुआ या जानबूझ कर किया ये मुझे पता नहीं चला, मैं दरवाजा खोल कर जल्दी से अंदर आ गई, वो मेरे पीछे अंदर आ गया, उसकी नजर अब भी मेरे नितम्बों पर ही थी. ‘आपने बैडरूम तो बहुत अच्छे से सजाया है मेमसाब!’ वो हमारे किंग साइज बेड की तरफ देखते हुए बोला. तभी मेरी नजर बेड के करीब के टेबल लैंप पे गई और मुझे शॉक ही लगा, आज सुबह सुबह लगभग एक घंटे पहले ही मैंने और मेरे पति ने सेक्स किया था, सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन के लिए कंडोम्स हम दो साल से इस्तमाल कर रहे हैं. ‘ओ गॉड…’ सुबह सेक्स में इस्तमाल किया हुआ कंडोम मेरे पति ने टेबल लैंप के बाजु में ही रखा था. पेंटर लैंप के नजदीक खड़ा था और मैं बेड के दूसरी तरफ खड़ी थी, मेरी टेंशन शायद उसको समझ आई थी, मेरी नजर कहाँ पे है उसने देखा, तो उसकी नजर इस्तमाल किये हुए कंडोम पर गई, उस हरामी ने कंडोम को उंगली से पकड़ के उठाया और हवा में लहराया, पेंटर कुछ बड़बड़ाया. मुझे बस इतना ही सुनाई दिया- कितना छोटा है! ‘क्या बोला तू? ला वो इधर!’ मैंने हाथ आगे किया. ‘आपको इससे बड़ा मांगता है?’ उसने मेरे हाथ में कंडोम रखते हुए बोला. ‘शट अप!’ मैंने गुस्से से उसे बोला, तभी पैरों की आवाज सुनाई दी, मेरे पति ऊपर आ रहे थे, मैंने कंडोम अपने मुट्ठी में छुपा लिया. ‘सच में मेमसाब!’ वो फिर भी बोला. ‘चुप रहो!’ मैंने गुस्से से कहा. ‘गिनना हो गया?’ मेरे पति ने बैडरूम में आते हुए कहा. ‘पेंटर कहता है बहुत छोटा है!’ मैंने पेंटर पर बम गिरा दिया, उसके चेहरे का रंग ही उड़ गया। ‘मतलब?’ पेंटर ने डरते हुए पूछा. ‘अच्छा?’ पति ने कंफ्यूज होकर पूछा- आमतौर पर पेंटर ‘काम बहुत बड़ा है’ बोलते हैं, ये कैसे ‘काम छोटा है’ बोल रहा है?
सुनते हो… पेंटर आया है!’ मैंने अपने पति से कहा. मेरे पति बाहर आये, नार्मल बातचीत हुई फिर पेंटर घर देखने लगा, ग्राउंड फ्लोर पे दो बैडरूम किचन और हॉल था और ऊपर के फ्लोर पर दो बैडरूम थे, हमारा मास्टर बैडरूम ऊपर के फ्लोर पर था और सास-ससुर अगर गांव से आये तो उनके लिए नीचे का बैडरूम था. मेजरमेंट टेप लेकर मैं, नितिन और पेंटर हर रूम में जाने लगे. ऊपर के फ्लोर पे जाने के बाद पहले दूसरा बैडरूम देखा, फिर हमारे बैडरूम में जाने लगे। तभी मेरे पति का मोबाइल किचन में बजने लगा, उसको लेने के लिए वो नीचे चले गए. ‘बिज़नस डील होगी तो फोन पे कितना टाइम लगेगा, उसका भरोसा नहीं, मैं दिखाती हूँ बैडरूम!’ मैंने पीछे से उसे कहा तो वो पीछे देखने लगा और एक फुट के दूरी से आँखों से मेरा नाप लेने लगा. इतनी देर पति साथ में थे तो उसने मुझ पे जरा भी ध्यान नहीं दिया था। ‘चलेगा मेम साब…’ बोल कर उसने मुझे दरवाजा खोलने के लिए जगह दी, मैं दरवाजा खोलने के लिए आगे गई तो मेरे हाथ को उसका टच हुआ, वो टच गलती से हुआ या जानबूझ कर किया ये मुझे पता नहीं चला, मैं दरवाजा खोल कर जल्दी से अंदर आ गई, वो मेरे पीछे अंदर आ गया, उसकी नजर अब भी मेरे नितम्बों पर ही थी. ‘आपने बैडरूम तो बहुत अच्छे से सजाया है मेमसाब!’ वो हमारे किंग साइज बेड की तरफ देखते हुए बोला. तभी मेरी नजर बेड के करीब के टेबल लैंप पे गई और मुझे शॉक ही लगा, आज सुबह सुबह लगभग एक घंटे पहले ही मैंने और मेरे पति ने सेक्स किया था, सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन के लिए कंडोम्स हम दो साल से इस्तमाल कर रहे हैं. ‘ओ गॉड…’ सुबह सेक्स में इस्तमाल किया हुआ कंडोम मेरे पति ने टेबल लैंप के बाजु में ही रखा था. पेंटर लैंप के नजदीक खड़ा था और मैं बेड के दूसरी तरफ खड़ी थी, मेरी टेंशन शायद उसको समझ आई थी, मेरी नजर कहाँ पे है उसने देखा, तो उसकी नजर इस्तमाल किये हुए कंडोम पर गई, उस हरामी ने कंडोम को उंगली से पकड़ के उठाया और हवा में लहराया, पेंटर कुछ बड़बड़ाया. मुझे बस इतना ही सुनाई दिया- कितना छोटा है! ‘क्या बोला तू? ला वो इधर!’ मैंने हाथ आगे किया. ‘आपको इससे बड़ा मांगता है?’ उसने मेरे हाथ में कंडोम रखते हुए बोला. ‘शट अप!’ मैंने गुस्से से उसे बोला, तभी पैरों की आवाज सुनाई दी, मेरे पति ऊपर आ रहे थे, मैंने कंडोम अपने मुट्ठी में छुपा लिया. ‘सच में मेमसाब!’ वो फिर भी बोला. ‘चुप रहो!’ मैंने गुस्से से कहा. ‘गिनना हो गया?’ मेरे पति ने बैडरूम में आते हुए कहा. ‘पेंटर कहता है बहुत छोटा है!’ मैंने पेंटर पर बम गिरा दिया, उसके चेहरे का रंग ही उड़ गया। ‘मतलब?’ पेंटर ने डरते हुए पूछा. ‘अच्छा?’ पति ने कंफ्यूज होकर पूछा- आमतौर पर पेंटर ‘काम बहुत बड़ा है’ बोलते हैं, ये कैसे ‘काम छोटा है’ बोल रहा है?
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